Sunday, October 14, 2018

Panama Papers (Art of secrecy) - पनामा पेपर्स (गोपनीयता की कला) - Study Arena -

पनामा पेपर्स (गोपनीयता की कला) 


पनामा पेपर्स

करीब 1.15 करोड़ वित्‍तीय और कानूनी रिकॉर्ड्स के लीक होने से विदेशों में गुप्‍त ढंग से चल रही कंपनियों के आपराधों, भ्रष्‍टाचार और गलत कामों के एक ऐसे तंत्र का भांडा फोड़ दिया, जिसे काफी अर्से से बेहद गुपचुप ढंग से चलाया जा रहा था।
इस राज के खुलने से तकरीबन सारी दुनिया में भारी अफरा-तफरी मचती दिखी

दि पनामा पेपर (पनामा लीक्‍स) 1.15 करोड़ ऐसे दस्‍तावेजों का सेट है जिसमें विदेश में संचालित 2,14,000 कंपनियों के कामकाज से जुड़ी अहम जानकारियां थीं। यह कंपनियां एक पनामाई लॉ फर्म और कॉर्पोरेट सेवा प्रदाता मोस्‍साक फोनेस्‍का के जरिये यह सबकुछ कर रही थीं। इन दस्‍तावेजों में लॉ फर्म और इन कंपनियों के बीच हुए संवाद का विवरण मौजूद है। इसके अलावा इन रिकॉर्ड्स में इन कंपनियों के शेयरधारकों की पहचान और मोसैक फोनसेका के साथ संबद्ध उनके निेदेशकों के बारे में जानकारियां थीं। इन विवरणों को देख कर पता चलता है कि किस तरह से बड़े-बड़े धन कुबेर, और सार्वजनिक जीवन में सक्रिय हस्तियां अपनी बेशुमार संपत्तियों को आम लोगों की नजरों में आने से बचाये रखती हैं। इन दस्‍तावेजों के प्रकाश में आने से अर्जेंटीना, आइसलैंड, सऊदी अरब, यूक्रेन और संयुक्‍त अरब अमीरात के पांच तत्‍कालीन राष्‍ट्रप्रमुखों और करीब चालीस देशों के सरकारी आला अधिकारियों, नजदीकी रिश्‍तेदारों व करीबी लोगों के बारे में जानकारियां सामने आईं। इस खुलासे से सामने आई इन लोगों की ज्‍यादातर गुप्‍त कंपनियां ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में थीं, जबकि इनका काम देख रहे ज्‍यादातर बैंक, लॉ फर्म व बिचौलिये हांगकांग के थे।

टैक्‍स हैवेन (करचोरों की पनहागाह)
टैक्‍स हैवेन उन देशों को कहा जाता है, जो विदेशी व्‍यक्तियों व कंपनियों को अपने यहां बहुत ही कम या बिना किसी कर देयता के साथ एक राजनीतिक व आर्थिक स्थिरता वाले माहौल में काम करने का अवसर प्रदान करते हैं। इसके अलावा यह देश अन्‍य देशों को कर संबंधी कोई भी जानकारी नहीं देते या बहुत ही कम सूचनाएं प्रदान करते हैं।

पनामा लीक्‍स के तहत लीक हुआ डेटा इससे पहले 2010 में हुए विकिलीक्‍स केबलगेट (1.7 जीबी), 2013 के ऑफशोर लीक्‍स (260 जीबी), 2014 के लक्‍स लीक्‍स (4 जीबी) और 2015 के स्विस लीक्‍स (3.3 जीबी) डेटा के मुकाबले कई गुना अधिक है। तुलनात्‍मक रूप से देखें तो पनामा लीक्‍स के तहत कुल 2.6 टेरा बाइट (टीबी) डेटा लीक हुआ, जो 2,600 गीगा बाइट (जीबी) के करीब बैठता है।

Saturday, October 13, 2018

सहित्य अकादमी पुरस्कार - 2017 - Study Arena

साहित्य अकादमी पुरस्कार 2017 के विजेताओं की सूची


 साहित्य अकादमी भारत की भाषाओं में साहित्य को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक संगठन है। साहित्य अकादमी (पत्रों की राष्ट्रीय अकादमी) प्रति वर्ष 24 भारतीय भाषाओं में लेखकों के साहित्यिक कार्यों को मान्यता देने के लिए पुरस्कार देता है- 22 अनुसूचित भाषाओं में अंग्रेजी और राजस्थानी के साथ। इस लेख में, हम "सभी 24 भाषाओं के साहित्य अकादमी पुरस्कार 2017 के विजेताओं की सूची" पढ़ेंगे।

इतिहास

  • भारतीय साहित्य, प्राचीन काल से विकसित हुआ है।
  • लगभग 1500 ईसा पूर्व के पवित्र भजनों के संकलन वाला ग्रंथ ऋग्‍वेद भारतीय साहित्य की सबसे प्रारंभिक कृति थी।
  • मध्ययुगीन काल में कईं दक्षिण भारतीय भाषाओं जैसे मलयालम, तेलुगु आदि भाषाएं उभर कर सामने आईं थीं और मराठी, ओडिया एवं बंग्‍ला में साहित्य महत्वपूर्ण क्षेत्रीय भाषाओं के रूप में उभरने लगे थे।
  • आधुनिक समय में रवींद्रनाथ टैगोर भारत के पहले नोबल पुरस्‍कार विजेता बने और अन्य विद्वानों एवं स्वतंत्रता सेनानियों की तरह ही भारतीय साहित्य में उनका योगदान बहुत बड़ा था।
  • स्वतंत्रता से पहले ही भारत में एक राष्‍ट्रीय साहित्‍य अकादमी स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया था।
  • भारत में साहित्यिक क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए, वर्ष 1944 में राष्‍ट्रीय सांस्कृतिक ट्रस्‍ट को सशक्‍त किया गया।
  • स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार ने वर्ष 1952 में साहित्‍य रचनाओं के लिए एक राष्‍ट्रीय अकादमी की स्थापना की, जिसे साहित्य अकादमी भी कहा जाता है।
  • भारत सरकार का संकल्‍प जिसके तहत अकादमी की स्‍थापना की गई, अकादमी को भारतीय साहित्‍य के विकास के लिए सक्रिय रूप से कार्य करने और उच्च भारतीय साहित्यिक स्तरों को स्थापित करने, सभी भारतीय भाषाओं में साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और समन्‍वय करने हेतु देश की सांस्कृतिक एकता के प्रति उन सभी को बढ़ावा देने के लिए एक राष्‍ट्रीय संगठन के रूप में वर्णित करता है।
  • अकादमी सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत एक सोसाइटी के रूप में और उसके क्रिया-कलापों को एक स्वायत्‍त संगठन के रूप में पंजीकृत किया गया था।
  • यह एक केंद्रीय संस्था है जो देश में सा‍हित्यिक संवाद को बढ़ावा देने, प्रकाशन तथा साक्षरता को बढ़ावा देने के साथ-साथ 24 भारतीय भाषाओंमें साहित्यिक गतिविधियों का दायित्‍व निभाती है।

साहित्य अकादमी पुरस्कार

  • साहित्य अकादमी (साहित्‍यिक रचनाओं की राष्‍ट्रीय अकादमी) वार्षिक रूप से अंग्रेजी और राजस्थानी भाषा सहित 24 भारतीय भाषाओं - 22 अनुसूचित भाषाओं में लेखकों के साहित्यिक कार्यों को सम्‍मानित करते हुए पुरस्कार प्रदान करती है।
  • व्यक्‍तियों को दिए जाने वाले पुरस्कार में निम्‍न शामिल है-
    (1) एक शाल
    (2) एक कास्‍केट जिसमें उत्कीर्ण ताम्रपत्र और
    (3) एक लाख रुपये का चेक (इसकी स्थापना के समय 5000 रुपये) शामिल है।
  • अकादमी द्वारा प्रतिवर्ष, संगठन द्वारा मान्यता प्राप्‍त भाषाओं में साहित्यिक कार्यों के लिए 24 पुरस्कार दिए जाते हैं और इतने ही पुरस्‍कार भारतीय भाषाओं में या से साहित्यिक अनुवादों के लिए प्रदान किए जाते हैं, दोनों ही पुरस्‍कार जांच, चर्चा एवं चयन की एक वर्ष की लंबी प्रक्रिया के बाद प्रदान किए जाते हैं।
  • प्रथम पुरस्कार वर्ष 1955 में प्रदान किए गए थे।

विशेषताएं

  • लेखक भारतीय राष्ट्रीयता का होना चाहिए।
  • पुरस्कार केवल तभी दिया जाएगा, जब अंतिम चरण के चयन में न्यूनतम तीन पुस्तकें होंगी।
  • जब दो या दो से अधिक पुस्तकों के लिए समान योग्यता पाई जाती है, तो कुछ मापदंडों जैसे कुल साहित्यिक योगदान और लेखकों के स्‍थान के आधार पर पुरस्कार घोषित करने पर विचार किया जाएगा।
  • यदि पुरस्कार मेरिट के वर्ष से पहले के पांच वर्षों के दौरान उस भाषा में कोई पुस्‍तक प्रकाशित नहीं हुई है, तो किसी भी भाषा के लिए किसी विशेष वर्ष के दौरान पुरस्कार नहीं दिया जा सकता।
  • पुरस्कार के लिए कार्य की पात्रता को पुस्‍तक से संबंधित भाषा एवं साहित्य के प्रति उत्कृष्‍ट योगदान के क्रमाधार पर निर्धारित किया जाएगा। पुस्‍तक एक रचनात्मक या महत्वपूर्ण कार्य पर आधारित हो सकती है।

साहित्य अकादमी पुरस्कार 2017

  • साहित्य अकादमी ने 24 भारतीय भाषाओं में 24 लेखकों के साहित्यिक कार्यों को सम्‍मानित करने के लिए वर्ष 2017 के पुरस्कारों की घोषणा की है।
क्रमांकविजेता का नामराज्‍यसाहित्‍यिक कार्यसाहित्‍य श्रेणीभाषा
1जयंत माधव बोराअसममोरियाहोलाउपन्‍यासअसमिया
2अफसार अहमदपश्‍चिम बंगालसेइनिखोंज मानुषटाउपन्‍यासबंग्‍ला
3रीता बोरोअसमथ्‍वीसामउपन्‍यासबोडो
4ममंग दईअरुणाचल प्रदेशद ब्‍लैक हिलउपन्‍यासअंग्रेजी
5उर्मि देसाईगुजरातगुजराती व्‍याकरणनां बासो वर्षसाहित्‍यिक-समीक्षागुजराती
6टी. पी. अशोककर्नाटककथन भारतीसाहित्‍यिक-समीक्षाकन्‍नड़
7रमेश कुंतलहरियाणाविश्‍व मिथक सरित सागरसाहित्‍यिक-समीक्षाहिंदी
8बीणा हंगखिमकीर्ति विमर्शसाहित्‍यिक-समीक्षानेपाली
9नीरज दइयाराजस्‍थानबीना हसल पाईसाहित्‍यिक-समीक्षाराजस्‍थानी
10के. पी. रामनुन्‍नीकेरलदैवथिंटे पुस्‍तकमउपन्‍यासमलयालम
11राजेन तोईजाम्बामणिपुरचाही टारगेट खुन्ताक्पानाटकमणिपुरी
12नछत्‍तर सिंहपंजाबस्‍लो डाउनउपन्‍यासपंजाबी
13इंकलाबतमिलनाडुकानधल नाटकलकवितातमिल
14जगदीश लछाणीमहाराष्‍ट्रआछेन्‍दे लाना मराननिबंध
15औतार कृष्‍णजम्‍मू एवं कश्‍मीरयेलि परदा वोथलघु कहानियांकश्‍मीरी
16शिव मेहताजम्‍मू एवं कश्‍मीरबन्‍नालघु कहानियांडोगरी
17गजानन जोगगोवाखांद आनी हेर कथालघु कहानियांकोंकणीं
18गायत्री सराफओडिशाइटावतिर शिल्‍पीलघु ककहानियांउडिया
19बेग एहसासहैदराबाददख़मालघु कहानियांउर्दू
20उदय नारायणबिहारजहालक डायरीकवितामैथिली
21भुजंग टुडुझारखंडताहेनांएन. तांगी रेकवितासंथाली
22श्रीकांत देशमुखमहाराष्‍ट्रबोलावे ते आम्‍हीकवितामराठी
23देवीप्रियाआंध्र प्रदेशगाली रंगूकवितातेलुगू
24निरंजन मिश्राउत्‍तराखंडगंगापुत्रवदनम्नाटकसंस्‍कृत


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Golden Globe Awards 2018 - गोल्डन ग्लोब पुरस्कार 2018 - UPSC/BPSC/SSC/RAILWAY etc. - Study Arena

गोल्डन ग्लोब अवार्ड्स 2018


गोल्डन ग्लोब अवार्ड क्या हैं?

गोल्‍डन ग्‍लोब अवार्ड की शुरूआत वर्ष 1944 में हॉलीवुड फॉरेन प्रेस एसोसिएशन के 93 सदस्यों द्वारा मिलकर की गई थी। इसकी स्‍थापना का उद्देश्‍य फिल्‍म एवं टेलीविज़न के क्षेत्र में श्रेष्‍ठता को सम्‍मानित करना था। इस वार्षिक समारोह से प्राप्‍त आय को अक्‍सर मनोरंजन से जुड़ी परोपकारी संस्‍थाओं में दान कर दिया जाता है, और इसका प्रयोग फिल्‍म और टेलीविज़न क्षेत्र में भविष्‍य के पेशेवरों को छात्रवृत्ति‍ देने व अन्‍य कार्यक्रमों में भी किया जाता है।
वर्ष 2017 के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को सम्‍मानित करने के लिए 75 वें गोल्डन ग्लोब अवार्ड का आयोजन बेवर्ली हिल्टनबेवर्लीपहाड़ियांकैलिफोर्निया में किया गया। कार्यक्रम की मेजबानी सेथ मेयर्स ने की और इसका प्रसारण एन.बी.सी. द्वारा किया गया।

गोल्डन ग्लोब अवार्ड 2018 के विजेताओं की सूची

‘फिल्म्स की विभिन्‍न श्रेणियों में गोल्‍डन ग्‍लोब अवार्ड 2018 जीतने वाले विजेताओं की पूरी सूची नीचे दी गई है :-
क्रमांकश्रेणी का नामविजेता
1.सर्वश्रेष्‍ठ फिल्‍म: ड्रामाथ्री बिलबोर्ड्स आउटसाइड एबिंग, मिसौरी
2.सर्वश्रेष्ठ फिल्‍म: संगीत या कॉमेडीलेडी बर्ड
3.फिल्‍म में अभिनेता द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन: ड्रामागैरी ओल्‍डमैन
(डार्केस्‍ट आवर)
4.फिल्‍म में अभिनेत्री द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन: ड्रामाफ्रांसेस मैकडॉरमैंड
(थ्री बिलबोर्ड्स आउटसाइड एबिंग, मिसौरी)
5.फिल्‍म में अभिनेता द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन: संगीत या कॉमेडीजेम्‍स फ्रैंको
(डिज़ास्‍टर आर्टिस्‍ट)
6.फिल्‍म में अभिनेत्री द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन: संगीत या कॉमेडीसाओर्स रोनन
(लेडी बर्ड)
7.फिल्‍म में अभिनेता द्वारा सर्वश्रेष्ठ सहायक प्रदर्शन: नाटक, संगीत या कॉमेडीसैम रॉकवेल
(थ्री बिलबोर्ड्स आउटसाइड एबिंग, मिसौरी)
8.फिल्‍म में अभिनेत्री द्वारा सर्वश्रेष्ठ सहायक प्रदर्शन: नाटक, संगीत या कॉमेडीएलिसन जैनी
(I, टोन्‍या)
9.सर्वश्रेष्ठ निर्देशकगिलर्मो डेल टोरो
(शेप ऑफ वॉटर)
10.सर्वश्रेष्ठ पटकथामार्टिन मैकडोनाघ
(थ्री बिलबोर्ड्स आउटसाइड एबिंग, मिसौरी)
11.सर्वश्रेष्ठ ओरिज़नल स्कोरएलेक्‍जेंडर डेप्‍लेट
(शेप ऑफ वॉटर)
12.सर्वश्रेष्ठ ओरिज़नल गीत‘दिस इज़ मी’ (बेंज़ पासेक व जस्टिन पॉल)
(ग्रेटेस्‍ट शोमैन)
13.सर्वश्रेष्ठ एनिमेटेड फीचर फिल्मकोको
14.सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्मइन द फ़ेड (जर्मनी / फ्रांस)
15.सेसिल बी. डिमिले लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्डओपरा विनफ्रे
‘टेलीविज़न’ की विभिन्‍न श्रेणियों में गोल्‍डन ग्‍लोब अवार्ड 2018 जीतने वाले विजेताओं की पूरी सूची निम्‍न दी गई है :-
क्रमांकश्रेणी का नामविजेता
1.सर्वश्रेष्ठ सीरीज़: ड्रामाद हैंडमेड्स टेल
2.सर्वश्रेष्ठ सीरीज़: संगीत या कॉमेडीद मार्वेलस मिसेज़ मेसेल
3.टेलीविजन सीरीज़ में अभिनेता द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन: नाटकस्‍टर्लिंग के. ब्राउन
(दिस इज़ अस)
4.टेलीविज़न सीरीज़ में अभिनेत्री द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन: ड्रामाएलिज़ाबेथ मॉस
(द हैंडमेड्स टेल)
5.टेलीविज़न सीरीज़ में अभिनेता द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनः संगीत या कॉमेडीअज़ीज अंसारी
(मास्‍टर ऑफ नन)
6.टेलीविज़न सीरीज़ में अभिनेत्री द्वारा सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन: संगीत या कॉमेडीरशेल ब्रोस्‍नहान
(द मार्वेलस मिसेज़ मेसेल)
7.मिनीसीरीज़ या टेलीविज़न फिल्म में अभिनेता द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
ईवान मैकग्रिगोर(फारगो)
8.मिनीसीरीज़ या टेलीविज़न फिल्म में अभिनेत्री द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शननिकोल किडमैन
(बिग लिटिल लाइज़)
9.एक सीरीज़मिनीसीरीज़ या टेलीविज़न फिल्म में अभिनेता द्वारा सर्वश्रेष्ठ सहायक प्रदर्शनएलेक्‍जेंडर स्‍कार्सगार्ड
(बिग लिटिल लाइज़)
10.एक सीरीज़मिनीसीरीज़ या टेलीविज़न फिल्म में अभिनेत्री द्वारा सर्वश्रेष्ठ सहायक प्रदर्शनलॉरा डेर्न
(बिग लिटिल लाइज़)
11.सर्वश्रेष्ठ मिनीसीरीज़ या टेलीविजन फिल्मबिग लिटिल लाइज़

आपकी परीक्षाओं के लिए शुभकामनाएं

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Friday, October 12, 2018

Nobel Prize 2018 winners - नोबेल पुरस्कार 2018 के विजेता - UPSC /BPSC /SSC /RAILWAY etc. - Study Arena


नोबेल पुरस्कार पुरस्कार परीक्षा में सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले विषय में से एक है। इस लेख में, हम कुछ सबसे महत्वपूर्ण बिंदुओं के साथ "नोबेल पुरस्कार 2018" विजेताओं की पूरी सूची साझा कर रहे हैं, जो आगामी परीक्षाओं में छात्रों के लिए स्कोर बूस्टर के रूप में कार्य करेगा।

2018 नोबेल पुरस्कार विजेताओं की सूची

नोबेल पुरुस्कार:

  • भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, फिजियोलॉजी या चिकित्सा, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में वार्षिक रुप से दिया जाने वाला पुरस्कार है।
  • स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत पर 1895 में स्थापित किया गया।
  • शांति पुरस्कार के अलावा सभी पुरस्कार स्टॉकहोम, स्वीडन में प्रदान किये जाते हैं।
  • शांति पुरस्कार ओस्लो, नॉर्वे में प्रदान किया जाता है।
  • पुरस्कार मरणोपरांत प्रदान नहीं किया जाता है।
  • भौतिकी, रसायन विज्ञान और आर्थिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा प्रदान किया जाता है।
  • फिजियोलॉजी या चिकित्‍सा में नोबेल पुरस्कार कैरोलिंस्का संस्थान में नोबेल असेंबली द्वारा प्रदान किया जाता है।
  • साहित्य में नोबेल पुरस्कार स्वीडिश अकादमी द्वारा प्रदान किया जाता है।
  • शांति में नोबेल पुरस्कार नॉर्वेजियन नोबेल समिति द्वारा प्रदान किया जाता है।
  • सबसे युवा नोबेल पुरस्कार विजेता- मलाला यूसुफजई (2014 में शांति के लिए)
  • सबसे वृद्ध नोबेल पुरस्कार विजेता- आर्थर अश्किन (2018 में भौतिक विज्ञान के लिए) 

भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता:

  • अब तक 12 भारतीय (5 भारतीय नागरिक और 7 भारतीय मूल के या निवासी) नोबेल पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं।
  • भारतीय मूल के पहले व्यक्ति और पहले एशियाई के रुप में नोबेल पुरस्कार द्वारा सम्मानित व्‍यक्‍ति रवींद्रनाथ टैगोर थे, जिन्‍हें 1913 में उनकी रचना "गीतांजलि" के लिए सम्‍मानित किया गया था।
  • भौतिकी में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय सी वी रमन थे जिन्‍हें 1930 में प्रकाश के प्रकीर्णन पर उनके काम के लिए और बाद में उसके नाम पर बने प्रभाव की खोज के लिए यह पुरस्‍कार प्रदान किया था।
  • 1979 में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली भारतीय मदर टेरेसा थीं।
  • 1998 में अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय अमर्त्य सेन थे।
  • फिजियोलॉजी या चिकित्‍सा में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय हरगोविन्द खुराना थे, जिन्‍हें 1968 में आनुवंशिक कोड की व्याख्या और प्रोटीन संश्लेषण में उसके कार्य के लिए यह पुरस्‍कार दिया गया था।
  • रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार के पहले भारतीय प्राप्तकर्ता वेंकटरामन रामकृष्णन थे जिन्‍हें 2009 में राइबोसोम की संरचना और कार्य के अध्ययन के लिए य‍ह पुरस्‍कार दिया गया था।
  • भारत से नोबेल पुरस्कार प्राप्तकर्ता की सूची में एकमात्र महिला मदर टेरेसा हैं।

नोबेल पुरस्कार विजेता 2018

पुरस्कारविजेताउद्देश्य
रसायन विज्ञान
फ्रांसिस अर्नोल्ड, जॉर्ज स्मिथ, ग्रेगरी पी. विंटर (बाएं से दाएं)
  • फ्रांसिस एच. अर्नाल्ड "एंजाइमों के संचालित विकास हेतु"।
  •  जॉर्ज पी. स्मिथ एवं सर ग्रेगरी पी. विंटर "पेप्‍टीडस और एंटीबॉडी के फेज डिस्प्ले हेतु।"
अर्थशास्त्र
विलियम नॉर्डहॉस, पॉल रोमर (बाएं से दाएं)
  • विलियम नॉर्डहॉस को "लंबे समय से चलने वाले व्यापक आर्थिक विश्लेषण में जलवायु परिवर्तन को एकीकृत करने के लिए"।
  • पॉल रोमर ने "लंबे समय से चलने वाले व्यापक आर्थिक विश्लेषण में तकनीकी नवाचारों को एकीकृत करने के लिए"।
साहित्य
इस बार पुरस्कार नहीं दिया जाएगा
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औषधि
त्सुकु होन्जो, जेम्स पी एलिसन (बाएं से दाएं)
                         
  • 'नकारात्मक प्रतिरक्षि‍त विनियमन के अवरोध द्वारा कैंसर थेरेपी की अपनी खोज के लिए'।
शांति
नाडिया मुराद, डेनिस मुक्वेज (बाएं से दाएं)
          
  • युद्ध और सशस्त्र संघर्ष के हथियार के रूप में यौन हिंसा के उपयोग को समाप्त करने के अपने प्रयासों के लिए डेनिस मुक्वेज और नाडिया मुराद।
भौतिक विज्ञान
डोना स्ट्रिकलैंड, गेरार्ड मौरौ, आर्थर अशकिन (बाएं से दाएं)
        
  • आर्थर अश्किन को प्रकाशीय चिमटी के अविष्कारक का श्रेय दिया जाता है।
  • गेराल्ड मोरो और डोना स्ट्रीकलैंड ने उस तकनीक की खोज की जिससे आज सबसे प्रबल लेज़र स्पंद उत्पन्न किया जाना संभव हुआ है। आज इस तकनीक का प्रयोग विभिन्न वैज्ञानिक और चिकित्सकीय अनुप्रयोगों में किया जाता है जैसे की आँख के ऑपरेशन में।

Nobel Prize - 2017 - नोबेल पुरस्कार 2017 - UPSC/BPSC/SSC/RAILWAY etc - Study Arena

नोबेल पुरस्कार 2017



आजकल प्रतियोगी परीक्षाओं में कई प्रश्‍न करेंट अफेयर्स से पूछे जाते हैं। सम्‍मान और पुरस्कार करेंट अफेयर्स में एक महत्वपूर्ण विषय है। इस लेख में, हम "नोबेल पुरस्कार 2017" की चर्चा करेंगे।

नोबेल पुरस्कार 2017

नोबेल पुरुस्कार

  • भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, फिजियोलॉजी या चिकित्सा, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में वार्षिक रुप से दिया जाने वाला पुरस्कार है।
  • स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत पर 1895 में स्थापित किया गया।
  • शांति पुरस्कार के अलावा सभी पुरस्कार स्टॉकहोम, स्वीडन में प्रदान किये जाते हैं।
  • शांति पुरस्कार ओस्लो, नॉर्वे में प्रदान किया जाता है।
  • पुरस्कार मरणोपरांत प्रदान नहीं किया जाता है।
  • भौतिकी, रसायन विज्ञान और आर्थिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा प्रदान किया जाता है।
  • फिजियोलॉजी या चिकित्‍सा में नोबेल पुरस्कार कैरोलिंस्का संस्थान में नोबेल असेंबली द्वारा प्रदान किया जाता है।
  • साहित्य में नोबेल पुरस्कार स्वीडिश अकादमी द्वारा प्रदान किया जाता है।
  • शांति में नोबेल पुरस्कार नॉर्वेजियन नोबेल समिति द्वारा प्रदान किया जाता है।
  • सबसे युवा नोबेल पुरस्कार विजेता- मलाला यूसुफजई (2014 में शांति के लिए)
  • सबसे वृद्ध नोबेल पुरस्कार विजेता- लियोनिद हर्विच (2007 में अर्थशास्त्र के लिए) 

भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता

  • अब तक 12 भारतीय (5 भारतीय नागरिक और 7 भारतीय मूल के या निवासी) नोबेल पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं।
  • भारतीय मूल के पहले व्यक्ति और पहले एशियाई के रुप में नोबेल पुरस्कार द्वारा सम्मानित व्‍यक्‍ति रवींद्रनाथ टैगोर थे, जिन्‍हें 1913 में उनकी रचना "गीतांजलि" के लिए सम्‍मानित किया गया था।
  • भौतिकी में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय सी वी रमन थे जिन्‍हें 1930 में प्रकाश के प्रकीर्णन पर उनके काम के लिए और बाद में उसके नाम पर बने प्रभाव की खोज के लिए यह पुरस्‍कार प्रदान किया था।
  • 1979 में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली भारतीय मदर टेरेसा थीं।
  • 1998 में अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय अमर्त्यसेन थे।
  • फिजियोलॉजी या चिकित्‍सा में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय हरगोविन्द खुराना थे, जिन्‍हें 1968 में आनुवंशिक कोड की व्याख्या और प्रोटीन संश्लेषण में उसके कार्य के लिए यह पुरस्‍कार दिया गया था।
  • रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार के पहले भारतीय प्राप्तकर्ता वेंकटरामन रामकृष्णन थे जिन्‍हें 2009 में राइबोसोम की संरचना और कार्य के अध्ययन के लिए य‍ह पुरस्‍कार दिया गया था।
  • भारत से नोबेल पुरस्कार प्राप्तकर्ता की सूची में एकमात्र महिला मदर टेरेसा हैं।

Thursday, October 11, 2018

Ancient history of Bihar - part 2 - बिहार का प्राचीन इतिहास - UPSC/BPSC/SSC/RAILWAY etc. - Study Arena


बिहार का प्राचीन इतिहास, मौर्य काल और उसके उपरांत


मौर्य वंश – 321 ईसा पूर्व से 184 ईसा पूर्व

चन्द्रगुप्त मौर्य 
  • इन्‍होंने अपने संरक्षक चाणक्य या कौटिल्य या विष्णुगुप्त की सहायता से राजवंश की स्थापना की।
  • यह नंद की राजसभा में एक शूद्र महिला मुरा के पुत्र के रूप में पैदा हुआ था।
  • मुद्रा राक्षस में, इसे वृषाला भी कहा जाता है।
  • बौद्ध परंपरा के अनुसार, यह मौर्य क्षत्रिय वंश से संबंधित थे।
  • इन्होंने 306 ईसा पूर्व में एलेक्जेंडर के एक जनरल सेल्यूकस निकेटर से युद्ध किया। बाद में इन्होंने मेगास्थीनीज़ को मौर्य अदालत में भेजा।
  • मेगास्थीनीज़ ने मौर्य प्रशासन का वर्णन करते हुए इंडिका की रचना की। साम्राज्य को चार प्रांतों में विभाजित किया गया था, प्रत्येक एक राज्यपाल के अधीन था। उनके अनुसार, पाटलीपुत्र में मौर्य प्रशासन 30 सदस्यों की एक परिषद के अधीन था, जिसे प्रत्येक 5 सदस्यों की 6 समितियों में विभाजित किया गया था।
  • पाटलीपुत्र को मेगास्थीनीज़ 'इंडिका में पालिबोथ्र के रूप में संदर्भित किया गया है।
  • चाणक्य ने अर्थशात्र लिखा। इसे अर्थशास्त्र, राजनीति, विदेशी मामले, प्रशासन, सैन्य, युद्ध और धर्म पर आलेख के रूप में माना जाता है।
बिंदुसार
  • इन्हें ग्रीक लेखकों द्वारा अमित्रोकेट्स, वायु पुराण में मुद्रासर और जैन लेख राजवल्ली कथा में सीमसेरी भी कहा गया था।
  • डिमैकस - राजा एंटिओकस द्वारा भेजे गए सीरियााई राजदूत।
  • डायोनिसियस - मिस्र के टॉलेमी द्वितीय द्वारा भेजे गए राजदूत।
अशोक
  • यह केवल एक, टीसा को छोड़कर अपने 99 भाइयों को मारने के बाद सत्ता में आया।
  • कलिंग युद्ध - 260 ईसा पूर्व – इसका उल्‍लेख मेजर एडिक्ट XIII में किया गया है।
  • कलिंग युद्ध के बाद, अशोक ने भिक्षु उपगुत के प्रभाव में बौद्ध धर्म को अपना लिया। इसे धर्मअशोक के नाम से जाना जाने लगा।
  • भबरू शिलालेख – इसमें अशोक को मगध के राजा के रूप में दर्शाया गया है।
  • तीसरी बौद्ध परिषद - 250 ईसा पूर्व – पाटलीपुत्र में टीसा की अध्यक्षता में अशोक द्वारा बुलाई गई थी।
सुंगा राजवंश
  • पुष्यमित्र सुंगा मौर्य सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ थे।
  • इन्‍होंने अंतिम मौर्य शासक को परास्त कर दिया। इसके कारण बौद्धों का उत्पीड़न और हिंदू धर्म का पुनरुत्थान हुआ।
  • धनदेव के अयोध्या शिलालेख के रूप में मुख्‍य पुजारी के रूप में पतंजलि सहित इसके शासनकाल में दो अश्वमेघ यज्ञों का आयोजन किया गया था।
  • पुष्यमित्र का पुत्र अग्निमित्र, कालिदास के नाटक, मालविकाग्निमित्रम का नायक था।
गुप्त साम्राज्य
  • मौर्यों से गुप्त के प्रशासन में सबसे महत्वपूर्ण अंतर यह था कि मौर्य साम्राज्य में सत्ता को केंद्रीकृत किया गया था, जबकि गुप्त साम्राज्य में सत्ता विकेंद्रीकृत थी।
  • साम्राज्य को प्रांतों में विभाजित किया गया था और प्रत्येक प्रांत को जिलों में विभाजित किया गया था। गांव सबसे छोटी इकाइयां थी।
  • श्रीगुप्त गुप्त वंश के संस्थापक थे।
  • गुप्त काल के शासन को भारतीय स्वर्ण युग के रूप में जाना जाता है क्योंकि विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से प्रगति की गई थी।
  • आर्यभट्ट ने कहा है कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है और अपनी धुरी पर घूमती है। उनकी सबसे प्रसिद्ध रचना आर्यभट्टयम है।
  • वारहामिहिरा ने पंच सिद्धांत और बृहत संहिता का निर्माण किया।
  • कालिदास ने मालविकाग्निमित्रम, अभिज्ञानशाकुंतम और कुमारसंभव जैसे प्रसिद्ध नाटकों की रचना की।
  • सुद्रका द्वारा मृच्‍छटिका, विष्णु शर्मा द्वारा पंचतंत्र और वत्स्यासन द्वारा कामसूत्र भी इसी काल में लिखे गए थे।
चन्द्रगुप्त प्रथम
  • यह घटोटकच (श्रीगुप्त के पुत्र) का पुत्र था।
  • यह महाराजाधिराज शीर्षक का उपयोग करने वाला पहला राजा था।
  • इसके साम्राज्य में बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश शामिल थे।
  • इसने लिछावी की राजकुमारी, कुमारादेवी से विवाह किया। इस समारोह की स्मृति में सोने के सिक्के जारी किए गए थे।
समुद्रगुप्त
  • हरीसेन द्वारा प्रयाग शिलालेख इसे समर्पित था। इसकी खोज ए. ट्रायर द्वारा की गई थी। यह संस्कृत भाषा में लिखा गया है।
  • इसकी विजय के लिए इसे विन्सेंट स्मिथ द्वारा भारत का नेपोलियन कहा गया था।
  • इसने बोध गया में एक मठ के निर्माण के लिए श्रीलंका के शासक मेघवर्नन को अनुमति दी।
  • इसके कला के संरक्षण हेतु इसे कविराज के नाम से भी जाना जाता था।
चंद्रगुप्त द्वितीय – विक्रमादित्य
  • इसने अपने भाई की हत्या की और उसकी विधवा ध्रुवदेवी से विवाह कर लिया।
  • इसने अपने साम्राज्य का विस्तार करने के लिए मैत्रीपूर्ण संबंधों और वैवाहिक गठबंधनों का इस्तेमाल किया।
  • इसके दरबार में मौजूद नवरत्न निम्‍न थे:
1.   कालीदास2.   शंकु3.   अमरसिंहा
4.   वेतालभट्ट5.   वरारुची6.   पनका
7.   वरामीरा8.   धनवंतरी9.   घटकरपारा
  • एक चीनी यात्री फा-हैन इसके शासनकाल के दौरान घूमने आया था।
कुमारगुप्त
  • इसने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की जो शिक्षण का केंद्र बन गया।
  • इन्‍हें महेन्द्रादित्य के नाम से भी जाना जाता था।
स्कंदगुप्त
  • जूनागढ़ शिलालेख - इनके गवर्नर ने सुदर्शन झील की बहाली की। यह मूल रूप से मौर्यों द्वारा निर्मित थी।
  • वह अंतिम महान शासक था और इसके बाद साम्राज्य का विघटन होना शुरू हो गया।
  • विष्णुगुप्त वंश का अंतिम शासक था।

Ancient history of Bihar - part 1 - बिहार का प्राचीन इतिहास - for UPSC/BPSC/SSC/RAILWAY etc. - Study Arena


बिहार का प्राचीन इतिहास: पाषाण काल से मौर्य पूर्व राजवंश तक


पाषाण युग स्‍थल
  • पुरापाषाणी स्‍थलों (पेलियोलिथिक साइट्स) की खोज मुंगेर और नालंदा से की गई है।
  • मध्‍यपाषाण स्‍थलों (मेसोलिथिक साइट्स) की खोज हजारीबाग, रांची, सिंहभूम तथा संथल परगना (सभी झारखंड में) से की गई है।
  • नव पाषाण (निओलिथिक) (2500 - 1500 ईसा पूर्व) कलाकृतियों की खोज चिरांद (सरण) और चेचर (वैशाली) से की गई है।
  • चिरांद (सरण), चेचर (वैशाली), चंपा (भागलपुर) तथा तारदीह (गया) से ताम्रपाषाण युग की कुछ वस्‍तुएं प्राप्‍त हुईं हैं।
महाजनपद
  • वैदिक युग में बाद में कईं छोटे राज्‍यों का उदय हुआ। 16 साम्राज्‍यों तथा गणराज्‍यों को महाजनपद के रूप में जाना जाता है, जो भारत – गंगा मैदानों में फैले हुए हैं। वे निम्‍नानुसार हैं:
1.   कासी2.   कम्‍बोज
3.   कोसाला4.   गांधार
5.   अंग6.   अवंती
7.   मगध8.   अस्‍साका
9.   वज्जि (वृजि)10. सुरसेन
11. मल्‍ला12. मत्‍स्‍य
13. चेदि14. पांचाल
15. वत्‍स (वामसा)16. कुरू

  • तीन महाजनपद नामत: मगध, अंग तथा वज्जि बिहार में थे।
अंग राज्‍य
  • इसका उल्‍लेख पहली बार अथर्ववेद में किया गया है।
  • वर्तमान में इसमें खगरिया, भागलपुर तथा मुंगेर शामिल हैं।
  • यह मगध साम्राज्‍य के उत्‍तर-पूर्व में स्थित था।
  • चंपा (वर्तमान में भागलपुर) राजधानी थी।
    • इसे राजा महागोविंद द्वारा स्‍थापित किया गया था।
    • इसे चेनांपो (ह्यून त्‍सांग द्वारा) तथा मालिनी भी कहा जाता था।
वज्जि राज्‍य
  • इसमें आठ वंश निहित थे।
  • सबसे महत्‍वपूर्ण वंश लिछावी, विदेहा तथा जनात्रिका थे।
  • यह उत्‍तर भारत में स्थित था।
  • वज्जि की राजधानी वैशाली में स्थित थी।
  • इसे विश्‍व का पहला गणतंत्र माना जाता था।
लिछावी वंश
  • यह वज्जि संधि में सबसे शक्तिशाली वंश था।
  • यह गंगा तथा नेपाल के उत्‍तरी तटों पर स्थित था।
  • इसकी राजधानी वैशाली में स्थित थी।
  • भगवान महावीर का जन्‍म कुंदाग्राम, वैशाली में हुआ था। उनकी माता लिछावी की राजकुमारी थीं (राजा चेतक की बहन)।
  • उन्‍हें बाद में हरयंका वंश के अजातशत्रु द्वारा मगध साम्राज्‍य में शामिल कर लिया गया था।
  • बाद में गुप्‍त सम्राट चंद्रगुप्‍त ने लिछावी की राजकुमारी कुमारादेवी से विवाह कर लिया।
जनात्रिका वंश
  • भगवान महावीर इस वंश से संबंधित थे। उनके पिता इस वंश के प्रमुख थे।
विदेह वंश
  • इसका उल्‍लेख पहली बार यजुर्वेद में किया गया है।
  • इस राज्‍य की शुरूआत इश्‍कावाकु के पुत्र निमी विदेह द्वारा की गई थी।
  • मिथिजनक विदेह ने मिथिला की स्‍थापना की।
  • राजा जनक की पुत्री देवी सीता इस वंश से संबंधित थीं।
  • जनकपुर (अब नेपाल में) इस राज्‍य की राजधानी थी।
मगध राज्‍य
  • इसका उल्‍लेख पहली बार अथर्ववेद में किया गया है।
  • यह उत्‍तर में गंगा से दक्षिण में विंध्‍यास तक, पूर्व में चंपा से पश्चिम में सोन नदी तक विस्‍तारित है।
  • इसकी राजधानी गिरीवृज या राजगीर थी जो पांच पहाड़ों द्वारा सभी ओर से पहाड़ों से घिरी हुई थी।
  • बाद में राजधानी को पाटलीपुत्र स्‍थानांतरित कर दिया गया था।
  • मगध राज्‍य में कोशल, वत्‍स तथा अवंती शामिल थे।
  • इसने बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म के विकास में एक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा की।
  • भारत के दो महान साम्राज्‍यों अर्थात् मौर्य और गुप्‍त का उदय मगध में हुआ।
मगध साम्राज्‍य से मौर्य पूर्व राजवंश
बृहधृथ राजवंश
  • बृहधृत को पहले मगध के राजा के रूप में जाना जाता था। वह चेदि के कुरू राजा वासु के बड़े पुत्र थे।
  • उनके नाम का उल्‍लेख ऋग्‍वेद में किया गया है।
  • बृहधृत का पुत्र जरासंध सबसे प्रसिद्ध राजा था।
  • गिरीवृज (राजगीर) जरासंध के अधीन एक राजधानी थी।
  • प्रोदयोता राजवंश मगध में बृहधृत राजवंश के उत्‍तराधिकारी थे।
हरयंका राजवंश - 544 ईसा पूर्व से 492 ईसा पूर्व
बिम्बिसार
  • इन्‍होंने राजवंश की स्‍थापना की। यह बुद्ध के समकालीन थे।
  • इन्होंने अपनी राजधानी राज‍गीर में स्थापित की।
  • इन्होंने अपने साम्राज्य का विस्तार वैवाहिक संबंधों के माध्यम से किया था जिसका उदाहरण कोशल राज्‍य है।
  • वह स्थायी बलों / सेना बनाने के लिए इतिहास में पहला शासक भी था।
  • इन्होंने अवंती के राजा चंद प्रदयोता और उनके लंबे समय तक प्रतिद्वंद्वी के उपचार हेतु शाही चिकित्सक जिवाका को उज्जैन भेजा, जो बाद में मित्र बन गए।
अजातशत्रु
  • इन्होंने अपने पिता बिंबिसार को अगला शासक बनने के लिए मार दिया।
  • भगवान बुद्ध ने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया और भगवान महावीर ने भी अपने शासनकाल के दौरान मोक्ष प्राप्त किया।
  • पहली बौद्ध परिषद (483 ईसा पूर्व) राजगीर में इनके संरक्षण के तहत आयोजित की गई थी।
उदायिन
  • इसने भी अगला शासक बनने के लिए अपने पिता अजातशत्रु को मार दिया।
  • इसने गंगा और सोन नदियों के संगम पर पाटलीपुत्र शहर की स्थापना की और इसे अपनी राजधानी बनाया।
शिशुनाग राजवंश - 412 ईसा पूर्व से 344 ईसा पूर्व
शिशुनाग
  • यह राजवंश के संस्थापक थे। यह बनारस के वायसराय थे।
  • इस समय के दौरान मगध की दो राजधानियां अर्थात् राजगीर और वैशाली थीं।
  • आखिरकार इन्होंने अवंती के प्रतिरोध को समाप्‍त करके 100 वर्ष की प्रतिद्वंद्विता को खत्म कर दिया।
कालाशोक
  • इन्होंने अपनी राजधानी को पाटलीपुत्र स्थानांतरित किया और यह आगे मगध साम्राज्य की राजधानी के रूप में जारी रहा।
  • वैशाली में दूसरी बौद्ध परिषद (383 ईसा पूर्व) का आयोजन इनके संरक्षण के तहत किया गया था।

Buddhism & Jainism - बुद्ध एवं जैन धर्म के महत्वपूर्ण तथ्य - UPSC/BPSC/SSC/RAILWAY etc. - Study Arena



बौद्ध एवं जैन धर्म समान परंपरा की दो प्रमुख शाखाएं हैं जो आज भी अपनी उपस्थिति बनाए हुए है। बौद्ध एवं जैन धर्म की उत्‍पत्ति समाज में व्‍याप्‍त घोर निराशावाद के समय में हुई और दोनों धर्म में कुछ बिन्‍दु समान है। बौद्ध एवं जैन धर्म के सबसे अधिक अनुयायी व्‍यापारिक वर्ग से आते हैं। महावीर और बुद्ध ने लोगों को अपना संदेश सामान्‍य जनमानस की भाषा में प्रसारित किया।

बौद्ध धर्म और जैन धर्म

 1) उत्‍पत्‍ति के कारण
  • ब्राह्मण नामक पुरोहि‍त वर्ग के प्रभुत्‍व के विरुद्ध क्षत्रियों की प्रतिक्रिया। महावीर और गौतम बुद्ध, दोनों क्षत्रिय कुल के थे।
  • वैदिक बलिदानों और खाद्य पदार्थों के लिए मवेशियों की अंधाधुंध हत्याओं ने नईं कृषि अर्थव्यवस्था को अस्थिर कर दिया, जो खेती करने के लिए मवेशियों पर निर्भर थी। बौद्ध धर्म एवं जैन धर्म दोनों इस हत्या के विरुद्ध खड़े हो गए थे।
  • पंच चिन्‍हित सिक्‍कों के प्रचलन और व्‍यापार एवं वाणिज्‍य में वृद्धि के साथ शहरों के विकास ने वैश्‍यों के महत्‍व को बढ़ावा दिया, जो अपनी स्‍थिति में सुधार करने के लिए एक नए धर्म की तलाश में थे। जैन धर्म एवं बैद्ध धर्म ने उनकी जरूरतों को सुलझानें में सहायता की।
  • नए प्रकार की संपत्‍ति से सामाजिक असमानताएं पैदा हो गईं और आम लोग अपने जीवन के प्रारंभिक स्‍वरूप में जाना चाहते थे।
  • वैदिक धर्म की जटिलता और अध: पतन में वृद्धि हुई।
2) जैन धर्म और बौद्ध धर्म और वैदिक धर्म के बीच अंतर
  • वे मौजूदा वर्ण व्‍यवस्‍था को कोई महत्‍व नहीं देते थे।
  • उन्‍होंने अहिंसा के सुसमाचार का प्रचार किया।
  • उन्‍होंने ब्राह्मण द्वारा निंदित धन उधारदाताओं सहित वैश्‍यों को शामिल किया।
  • वे साधारण, नैतिकतावादी और तपस्‍वी जीवन को पसंद करते थे।

बौद्ध धर्म

1)गौतम बुद्ध और बौद्ध धर्म
गौतम बुद्ध का जन्‍म 563 ईसा पूर्व में कपिलवस्‍तु के निकट लुम्‍बिनी नामक स्‍थान पर शाक्‍य वंश के राजा के यहां हुआ था। इनकी माता कौशल वंश की राजकुमारी थीं। 29 वर्ष की आयु में बुद्ध के जीवन के चार दृश्‍य उन्‍हें त्‍याग के मार्ग पर ले गए। वे दृश्‍य निम्‍नानुसार थे-
  • एक बूढ़ा आदमी
  • एक बीमार व्‍यक्‍ति
  • एक सन्‍यासी
  • एक मृत व्‍यक्‍ति
बुद्ध के जीवन की प्रमुख घटनाएं
घटनास्‍थानप्रतीक
जन्‍मलुम्‍बनीकमल और सांड
महाभिनिष्‍क्रमणघोड़ा
निर्वाणबोध गयाबोधि वृक्ष
धर्मचक्र प्रवर्तनसारनाथचक्र
महापरिनिर्वाणकुशीनगरस्‍तूप

2) बौद्ध धर्म के सिद्धांत
a. चार आर्य सत्‍य
  1. दुख- जीवन दुखों से भरा है।
  2. समुदाय - ये दुखों का कारण होते हैं।
  3. निरोध- ये रोके जा सकते हैं।
  4. निरोध गामिनी प्रतिपद्या- दुखों की समाप्‍ति का मार्ग
b. अष्‍टांगिक मार्ग
  1. सम्‍यक दृष्‍टि
  2. सम्‍यक संकल्‍प
  3. सम्‍यक वाणी
  4. सम्‍यक कर्मान्‍त
  5. सम्‍यक आजीव
  6. सम्‍यक व्‍यायाम
  7. सम्‍यक स्‍मृ‍ति
  8. सम्‍यक समाधि
c. मध्‍य मार्ग- विलासिता और मितव्‍ययिता दोनों का त्‍याग करना
d. त्रिरत्‍न- बुद्ध, धर्म और संघ
3) बौद्ध धर्म की मुख्‍य विशेषताएं और इसके प्रसार के कारण
  1. बौद्ध धर्म को ईश्‍वर और आत्‍मा पर विश्‍वास नहीं था।
  2. महिला की संघ में प्रविष्‍टि स्‍वीकार्य थी। जाति और लिंग से पृथक संघ सभी के लिए खुला था।
  3. पाली भाषा का प्रयोग किया गया, जो आम लोगों के बीच बौद्ध सिद्धांतों के प्रसार में मददगार सिद्ध हुई।
  4. अशोक ने बौद्ध धर्म को अपनाया और इसे मध्‍य एशिया, पश्‍चिम एशिया और श्रीलंका में फैलाया।
  5. बौद्ध सभाएं
  • प्रथम परिषद: प्रथम परिषद वर्ष 483 ईसा पूर्व में राजा अजातशत्रु के संरक्षण में बिहार में राजगढ़ के पास सप्‍तपर्णी गुफाओं में आयोजित की गई, प्रथम परिषद  के दौरान उपाली द्वारा दो बौद्ध साहित्‍य विनय और सुत्‍ता पिताका संकलित किए गये।
  • द्वितीय परिषद: द्वितीय परिषद वर्ष 383 ईसा पूर्व में राजा कालाशोक के संरक्षण में वैशाली में आयोजित की गई थी।
  • तृतीय परिषद: तृतीय परिषद वर्ष 250 ईसा पूर्व में राजा अशोक महान के संरक्षण में पाटलिपुत्र में आयोजित की गई थी, तृतीय परिषद के दौरान अभिधम्‍म पिताका को जोड़ा गया और बौद्ध धर्म के पवित्र ग्रंथ त्रिपिटक को संकलित किया गया।
  • चतुर्थ परिषद: चतुर्थ परिषद वर्ष 78 ईस्‍वीं में राजा कनिष्‍क के संरक्षण में कश्‍मीर के कुण्‍डलवन में आयोजित की गई थी, चतुर्थ परिषद के दौरान हीनयान और महायान को विभाजित किया गया था।
4) बौद्ध धर्म के पतन के कारण
  1. बौद्ध धर्म उन धार्मिक क्रियाओं और समारोहों के अधीन हो गया, जिनकी उन्‍होंने मूल रूप से निंदा की थी।
  2. उन्‍होंने पाली छोड़कर संस्‍कृत को अपना लिया। उन्‍होंने मूर्ति पूजा शुरू कर दी और भक्‍तों से कईं समान प्राप्‍त किए।
  3. मठ आसानी से प्‍यार करने वालों के वर्चस्‍व के अधीन हो गए और भ्रष्‍ट प्रथाओं के केंद्र बन गए।
  4. वज्रायन प्रथा का विकास होने लगा।
  5. बौद्ध महिलाओं को वासना की वस्‍तु के रूप में देखने लगे।
5) बौद्ध धर्म का महत्‍व और प्रभाव
a. साहित्‍य
  1.  त्रिपिटक
    सुत्‍त पिताका- बुद्ध के वचन
    विनय पिताका- मठ के कोड
    अभिधम्‍म पिताका- बुद्ध के धार्मिक प्रवचन
  2. मिलिंदपान्‍हों- मींदर और संत नागसेना के बीच के संवाद
  3. दीपावाम्‍श (Dipavamsha) और महावाम्‍श (Mahavamsha) – श्रीलंका का महान इतिहास
  4. अश्‍वघोष के द्वारा बौद्धचरित्र

b. संप्रदाय
  1. हीनयान (Lesser Wheel)- ये निर्वाण प्राप्‍ति की गौतम बुद्ध की वास्‍तविक शिक्षाओं में विश्‍वास करते हैं। वे मूर्ति पूजा में विश्‍वास नहीं करते और हीनयान पाठ में पाली भाषा का प्रयोग करते थे।
  2. महायान (Greater Wheel)- इनका मानना है कि निर्वाण गौतम बुद्ध की कृपा और बोधिसत्‍व से प्राप्‍त किया जा सकता है न कि उनकी शिक्षा का पालन करके। ये मूर्ति पूजा पर विश्‍वास करते थे और महायान पाठ में संस्‍कृत भाषा का प्रयोग करते थे।
  3. वज्रायन- इनका मानना है कि निर्वाण जादू और काले जादू की सहायता से प्राप्‍त किया जा सकता है।
c. बोधिसत्‍व
  1. वज्रपाणि
  2. अवलोकितेश्‍वरा या पद्मपाणि
  3. मंजूश्री
  4. मैत्रीय
  5. किश्‍तिग्रह
  6. अमिताभ/अमित्‍युषा
d. बौद्ध धर्म की वास्‍तु कला
  • पूजा का स्‍थल- बुद्ध या बोधिसत्‍व के अवशेषों वाले स्‍तूप। चैत्‍य, प्रार्थना कक्ष जबकि विहार, भिक्षुओं के निवास स्‍थान थे।
  • गुफा वास्‍तुकला का विकास- जैसे गया में बराबर गुफाएं
  • मूर्ति पूजा और मूर्तियों का विकास
  • उत्‍कृष्‍ट विश्‍वविद्यालयों का निर्माण जिसने पूरे विश्‍व के छात्रों को आ‍कर्षित किया।

Wednesday, October 10, 2018

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